साथियों Dr Ambedkar Ki 22 Pratigya को जानने से पहले बाबा साहब के बारे में आपको बता दें की डॉ. बी आर अंबेडकर की सम्पूर्ण नाम डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर है । 14 अप्रैल 1891 को बर्तमान भारत के मध्यप्रदेश राज्य, महू में डॉ. अंबेडकर का जन्म हुया था । उनका पिताजी का नाम मलोजी सकपाल एवं माताजी का नाम भीमबाई थे ।
Dr. Ambedkar ki Janm | Baba Sahab Ki Janm Jayanti
14 अप्रैल 2023 डॉ. बाबा साहब अंबेडकर की 132 वाँ जन्मदिन है । विश्व में 14 April Dr Ambedkar Ki Janm Din को अंबेडकर जन्म जयंती के नामपर मनाया जाता है । Dr Ambedkar Janm Jayanti के अवसर पर सभी लोगों को डॉ. बाबा साहब अंबेडकर के बारे में कुछ अहम महत्वपूर्ण जानकारी आपको जरूर जानना चाहिए ।
Br. Ambedkar Ki Motive | बाबा साहब की लक्ष
Dr. Baba Saheb Ambedkar जीबीत रहते वंचित समाज के लोगों को एकजुट करके जातिवादी व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ी । जहांतक की लोगों को पानी पीने का जो अधिकार नहीं था, उचवर्ण द्वारा बनाया गया अमानविक इस घटिया व्यवस्था के खिलाफ चौदर तलाव आंदोलन करके सबको पानी पिनेका अधिकार दिलाया । और मंदिर में प्रवेश न दिये जाने के विरोध में भी आंदोलन किया ।
डॉ. अंबेडकर की जीवन | The Life of Dr. Ambedkar
डॉ. बाबा साहब अंबेडकर ने उनके जीवन में कई सारें कठिनाइयों को सामना करते हुए उन्होने काफी सारें उपलब्धियाँ प्राप्त की । सही क्या है, गलत क्या है, उचवर्ण के लोग किस तरीके से गलत कर रहा है इस मामले में बाबा साहब ने पाखंडियों का सारा कुंडली पढ़ लिया था । जाती व्यवस्था छुआछूत सामाजिक बहिष्कार इस मसले पर जिन षडयंत्र करियों का हाथ है उनके बारे में सामाजिक जागृति के साथ साथ लोगों को आंदोलन एवं संघर्ष करना भी शिखाया ।
Dr. Ambedkar Knowledge on Religion | बाबा साहब की धर्म
ब्राह्मण हिन्दू धर्म मानने वाले लोग है और दूसरी तरफ उस समय में जिनको अच्छुत कहा गया वह लोग भी तथाकथित हिन्दू धर्म मानने वाले लोग थे । और वंचित समाज के लोग भी तथाकथित हिन्दू धर्म मानने वाए लोग थे । एक ही धर्म मानने वाले लोग होते हुए भी ब्राह्मणों द्वारा वंचितों को जातिभेद का सामना क्यों करना पड़ा ? यह सोच डॉ. अंबेडकर के दिमाग में सवाल खड़ा कर दिया था ।
दूसरी तरफ महमानव गौतम बुद्ध एवं बुद्ध द्वारा निर्माण बौद्ध धम्म के बारे में बहुत गहराई से बाबा साहब ने छानबीन की एवं उन्होने बहुत गहराई से धम्म के बारे में ज्ञान हासिल की । तब उनको पता चला की धम्म और धर्म में फर्क क्या होता है । धर्म के नाम पर लोगों को किस तरीके से वेवकूफ बनाकर गुलाम बनाया जाता है । दोस्तों मौलिक बात तो यह है की लोगों के भलाई के लिए डॉ. बाबा साहब ने इतना ज्यादा पढ़ाई की की उनके जैसा विद्वान इंसान दुनिया में न के बराबर है । जिनका मैन Motive था लोगों को अच्छा करना लोगों को समानता का दर्जा देना ।
जीवन के आखिरी समय में डॉ. अंबेडकर नें हिन्दू धर्म को त्याग कर बौद्ध धम्म अपनाया । एवं लोगों के लिए एक बहतरीन एवं मूल्यवान मौलिक विचारधारा से बने 22 प्रतिज्ञएँ निर्माण की । Dr Ambedkar Ki 22 Pratigya असलमे लोगों को सही दिशा की और ले जाने वाला एक मार्ग / रास्ता है । वंचित तथा बहुजन लोग अगर डॉ. अंबेडकर की 22 प्रतिज्ञा को ठान लें तो किसिकों आगे बढ्ने से कोई रोक नहीं सकता ।
बहुत महत्वपूर्ण ONLINE TOOLS Chat GPT क्या है?

- मैं गंभीरता एवं दृढ़ता के साथ घोषित करता हूँ कि मैं इसके (धर्म परिवर्तन के) बाद अपने जीवन का बुद्ध के सिद्धांतों व शिक्षाओं एवं उनके धम्म के अनुसार मार्गदर्शन करूँगा ।
- मैं ब्रह्मा, विष्णु और महेश में कोई विश्वास नहीं करूँगा और न ही मैं उनकी पूजा करूँगा ।
- मैं राम और कृष्ण, जो भगवान के अवतार माने जाते हैं, में कोई आस्था नहीं रखूँगा और न ही मैं उनकी पूजा करूँगा ।
- मैं गौरी, गणपति और हिन्दुओं के अन्य देवी-देवताओं में आस्था नहीं रखूँगा और न ही मैं उनकी पूजा करूँगा ।
- मैं भगवान के अवतार में विश्वास नहीं करता हूँ ।
- मैं यह नहीं मानता और न कभी मानूंगा कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार थे. मैं इसे पागलपन और झूठा प्रचार-प्रसार मानता हूँ ।
- मैं श्रद्धा (श्राद्ध) में भाग नहीं लूँगा और न ही पिंड-दान दूँगा ।
- मैं बुद्ध के सिद्धांतों और उपदेशों का उल्लंघन करने वाले तरीके से कार्य नहीं करूँगा ।
- मैं ब्राह्मणों द्वारा निष्पादित होने वाले किसी भी समारोह को स्वीकार नहीं करूँगा ।
- मैं मनुष्य की समानता में विश्वास करता हूँ ।
- मैं समानता स्थापित करने का प्रयास करूँगा ।
- मैं बुद्ध के आष्टांगिक मार्ग का अनुशरण करूँगा ।
- मैं बुद्ध द्वारा निर्धारित परमितों का पालन करूँगा ।
- मैं सभी जीवित प्राणियों के प्रति दया और प्यार भरी दयालुता रखूँगा तथा उनकी रक्षा करूँगा ।
- मैं चोरी नहीं करूँगा ।
- मैं झूठ नहीं बोलूँगा ।
- मैं कामुक पापों को नहीं करूँगा ।
- मैं शराब, ड्रग्स जैसे मादक पदार्थों का सेवन नहीं करूँगा ।
- मैं महान आष्टांगिक मार्ग के पालन का प्रयास करूँगा एवं सहानुभूति और प्यार भरी दयालुता का दैनिक जीवन में अभ्यास करूँगा ।
- मैं हिंदू धर्म का त्याग करता हूँ जो मानवता के लिए हानिकारक है और उन्नति और मानवता के विकास में बाधक है क्योंकि यह असमानता पर आधारित है, और स्व-धर्मं के रूप में बौद्ध धर्म को अपनाता हूँ ।
- मैं दृढ़ता के साथ यह विश्वास करता हूँ की बुद्ध का धम्म ही सच्चा धर्म है ।
- मुझे विश्वास है कि मैं फिर से जन्म ले रहा हूँ (इस धर्म परिवर्तन के द्वारा) ।
डॉ. बाबा साहब Ambedkar ki यह 22 Pratigya जो लोग समझ जाएंगे उनका परिवर्तन तय है । क्यों की यह प्रतिज्ञा इंसान का वैचारिक परिवर्तन कराएगी । और इसके साथ ही व्यावहारिक परिवर्तन होगा एवं सामाजिक जागरूकता लाएगी ।
इसके बारे में आपका क्या कहना है ? कमेंट करके हमें जरूर बताएं । यह संक्षिप्त जानकारी आपको अच्छा लगा है तो इसे शेयर करना न भूले । धन्यवाद ।
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